मेरा वतन है यह मेरा वतन है
कुर्बान वतन पर मेरा तन है मेरा मन है
कुर्बान वतन पर मेरा तन है मेरा मन है
वह्डत के कहीँ गीत तॊ मुरली की कहीँ तान
आकर के कोई देख ले भारत की मेरे शान
इज्ज़त कोई करता है कोई करता है सम्मान
एक हाथ में गीता है तॊ एक हाथ में कूरान
मुल्ला की अजान है कहीँ मीरा क भजन है
आकर के कोई देख ले भारत की मेरे शान
इज्ज़त कोई करता है कोई करता है सम्मान
एक हाथ में गीता है तॊ एक हाथ में कूरान
मुल्ला की अजान है कहीँ मीरा क भजन है
पूजा है कहीँ और इबादत है कहीँ पर
गीता का कहीँ पाठ तिलावत है कहीँ पर
गुरुद्वारा कहीँ पर है तॊ बुध मत है कहीँ पर
क्या ऐसी भी दुनया में रवायत है कहीँ पर
दीवाली कहीँ है तॊ कहीँ ईद मिलन है
गीता का कहीँ पाठ तिलावत है कहीँ पर
गुरुद्वारा कहीँ पर है तॊ बुध मत है कहीँ पर
क्या ऐसी भी दुनया में रवायत है कहीँ पर
दीवाली कहीँ है तॊ कहीँ ईद मिलन है
एकता की अहिंसा की पढे कोई कहानी
भारत को मिली प्यार की कुछ ऐसी निशानी
है ऐसा मिलन जैसे की अल्फाजो मआनी
इस मुल्क का दूनिया में नहीँ है कोई सानी
हैरान इसे देख के फारस है यमन है
भारत को मिली प्यार की कुछ ऐसी निशानी
है ऐसा मिलन जैसे की अल्फाजो मआनी
इस मुल्क का दूनिया में नहीँ है कोई सानी
हैरान इसे देख के फारस है यमन है
माथे पे तेरे ताज का झूमर है सोहाना
शोभा इसे देता है वोह गाँधी का तराना
है याद वह सरदार भगत सिंघ का ज़माना
अश्फाक का टीपू का वोह गरदन का कटाना
हिम्मत है तॊ क्या दार है केया चीज रासन है
शोभा इसे देता है वोह गाँधी का तराना
है याद वह सरदार भगत सिंघ का ज़माना
अश्फाक का टीपू का वोह गरदन का कटाना
हिम्मत है तॊ क्या दार है केया चीज रासन है
मीरा की है नानक की है चिश्ती की ज़मीन है
कहते है जिसे जन्नते गेती वोह यहीं है
इस देश के बारे में यह ईमान है यकीं है
इस सारे ज़माने मैं कोई ऐसा नहीं है
हैरान इसे देख के फारस है यमन है
कहते है जिसे जन्नते गेती वोह यहीं है
इस देश के बारे में यह ईमान है यकीं है
इस सारे ज़माने मैं कोई ऐसा नहीं है
हैरान इसे देख के फारस है यमन है
इस देश को हासिल है मोहब्बत क सहारा
है लाल किला देश की आजमत का मीनारा
पंजाब ने है गेसूए भारत को सँवारा
गुजरातॊ हिमाँचल ने इसे और निखरा
इस देश की जीनत में यह मड्रासो दकन है
है लाल किला देश की आजमत का मीनारा
पंजाब ने है गेसूए भारत को सँवारा
गुजरातॊ हिमाँचल ने इसे और निखरा
इस देश की जीनत में यह मड्रासो दकन है
जाँँ दे के करेंगे तेरी आजमत की हिफाजत
है कौन जिसे तुझ से उलझने की है ताकत
यह मुल्क नजीरी है शहीदों की अमानत
कैसे कोई डिख्लएगा इस मुल्क को हिम्मत
बाँधे हुए हर शक्स यहाँ सर पे कफ़न है
है कौन जिसे तुझ से उलझने की है ताकत
यह मुल्क नजीरी है शहीदों की अमानत
कैसे कोई डिख्लएगा इस मुल्क को हिम्मत
बाँधे हुए हर शक्स यहाँ सर पे कफ़न है
मसीहुद्दीन नजीरी
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waah waah....
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